UPDATE CHANDAULI NEWS: मुकेश चंद्राकर के हत्यारों को हो फांसी और लागू किया जाए पत्रकार सुरक्षा कानून। उक्त मांगे, चंदौली के आक्रोशित पत्रकारों ने सरकार से की है।
मुकेश चंद्राकर हत्याकांड
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद, पत्रकारों में आक्रोश के साथ-साथ सरकार के प्रति नाराजगी भी देखी जा रही। क्यों कि लगातार हो रही पत्रकारों के साथ अन्याय के बावजूद भी अभीतक, पत्रकारों की हित के लिए सरकार द्वारा कोई भी ठोस कदम उठाया नही गया है। इसी मुद्दे को लेकर चंदौली के पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकाला और पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्यारों को फांसी देने देने सहित पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की।
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सच्चाई उजागर करने पर की गई हत्या
बताया जा रहा है कि सड़क निर्माण में घोटाले की खबर उजागर करने की कीमत, पत्रकार मुकेश चंद्राकर को अपनी जान गवांकर चुकानी पड़ी। मुकेश चंद्राकर के लापता होने के बाद उनका शव, ठेकेदार के सेफ्टी टैंक से बरामद हुआ। मामले में परिजनों ने ठेकेदार और उसके भाइयों पर हत्या का आरोप लगाया है। पत्रकारों के दवाब के बाद पुलिस ने पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। और अब खबर आ रही है कि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
देशभर के पत्रकारो में शोक
मुकेश चंद्राकर के निधन के बाद देशभर के पत्रकारो में शोक और आक्रोश है। पत्रकारों द्वारा श्रद्धांजलि सभाओं और कैंडल मार्च का आयोजन कर दोषियों को फांसी देने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की जा रही है। डीडीयू नगर के पत्रकारों ने दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कैंडल मार्च निकाला। मार्च में शामिल पत्रकारों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था "पत्रकार को न्याय दो", "पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करो"। पत्रकारों ने सरकार से मांग की कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाया जाए और दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दी जाए।
पत्रकार हो रहें इस्तेमाल
आज के समय मे देखा जाए तो पत्रकार सिर्फ और सिर्फ, इस्तेमाल हो रहें है। जो पत्रकार प्रशासन और पॉलिटिशियन के हां-में-हां मिला रहें, वह फल-फूल रहें है। और जो भी पत्रकार पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए हो रही क्राइम को उजागर कर रहें, उसे या तो धमकी देकर चुप करा दिया जा रहा या तो फिर हमेशा के लिए उसका मुंह बंद कर दिया जा रहा साथ ही झूठे केस में फंसाकर जेल भेज दिया जा रहा। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय मे जनता, सिर्फ वही खबरें देखगी जो कि प्रशासन या सत्ताधारी नेता दिखाना चाहेंगे। ये बहुत ही गंभीर विषय है, जिसपर सरकार को तत्काल सोच-विचार करना चाहिए।
कैंडल मार्च जुलूस में मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत गुप्ता, अमरेन्द्र पाण्डेय, समर बहादुर, कृष्णा गौंड, अमरेन्द्र सिंह, आनंद सिंह,अवनीश तिवारी, राजेश गोस्वामी, फैयाज अंसारी, रंधा सिंह, सुनील यादव, मनमोहन कुमार, जयशंकर तिवारी, विजय कुमार गुप्ता, प्रमोद अग्रहरी, अशोक कुमार जायसवाल, अनीश,तलवार सिंह, दिनेश यादव, संजीव पाठक, सचिन पटेल, संता सिंह सरदार, मनीष द्विवेदी, शाकिर अंसारी, संजय साहू, उमेश दुबे, चंचल यादव, फैजान सिद्दीकी, विजय गुप्ता, प्रमोद शर्मा, सुनील बिसेन, देवेश गुप्ता, अजय राय, राजेन्द्र यादव, उमेश कुमार, आफताब आलम, कृष्ण मोहन गुप्ता, जय तिवारी, सोनू आदि पत्रकार उपस्थित रहे।